दूसरे पागलदास की हत्या से उसको न बचा पाने के संताप से उदास रहने लगे थे पागलदास दूसरे पागलदास के न रहने पर उनको संगत देने वाला बचा न कोई उन्होंने छोड़ दिया बजाना, भूल गए रंग भरना तज गए समारोह, भूल गए कायदा, याद नहीं रहा भराव का ढंग बचने लगे लोगों से, लोम-विलोम की गुंजायश नहीं रही।
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दूसरे पागलदास की हत्या से उसको न बचा पाने के संताप से उदास रहने लगे थे पागलदास दूसरे पागलदास के न रहने पर उनको संगत देने वाला बचा न कोई उन्होंने छोड़ दिया बजाना, भूल गए रंग भरना तज गिए समारोह, भूल गएकायदा, याद नहीं रहा भराव का ढ़ंग बचने लगे लोगों से, लोम-विलोम की गंजायश नहीं रही।